अरबी की खेती प्रक्रिया एक उष्णकटिबंधीय कंद वाली सब्जी है जो भारत में काफी लोकप्रिय है। इसकी खेती देश के कई हिस्सों में की जाती है। यदि आप अरबी की खेती शुरू करना चाहते हैं, तो यह व्यापक मार्गदर्शिका आपको सहायता करेगी।

जलवायु और मिट्टी:

  • अरबी गर्म और आर्द्र जलवायु में पनपती है।
  • 20-30 डिग्री सेल्सियस तापमान इसकी खेती के लिए आदर्श है।
  • अरबी को अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट या दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है।
  • मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 7.0 के बीच होना चाहिए।

खेती का समय:

  • अरबी की खेती साल में दो बार की जा सकती है:
    • खरीफ: जून-जुलाई
    • रबी: सितंबर-अक्टूबर

भूमि की तैयारी:

  • खेत की गहरी जुताई करें और मिट्टी को भुरभुरा बना लें।
  • 20-30 टन प्रति हेक्टेयर की दर से गोबर की खाद डालें।
  • 100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से डीएपी (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) और 50 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से यूरिया डालें।

बीज बोना:

  • अरबी को बीज या कंदों से उगाया जा सकता है।
  • बीज बोने से पहले 24 घंटे के लिए पानी में भिगो दें।
  • 45 सेंटीमीटर की दूरी पर क्यारियां बनाएं और 20 सेंटीमीटर की दूरी पर बीज बोएं।
  • बीजों को 2-3 सेंटीमीटर गहराई में बोएं।

कंदों की रोपाई:

  • यदि आप कंदों से रोपाई कर रहे हैं, तो स्वस्थ और रोग-मुक्त कंदों का चयन करें।
  • कंदों को 45 सेंटीमीटर की दूरी पर और 10 सेंटीमीटर की गहराई में रोपें।

खरपतवार नियंत्रण:

  • नियमित रूप से खरपतवारों को हटाते रहें।
  • खरपतवारों को हटाने के लिए आप herbicides का भी उपयोग कर सकते हैं।

सिंचाई:

  • अरबी को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है।
  • मिट्टी को नम रखें, लेकिन गीली नहीं।
  • बारिश के मौसम में सिंचाई कम करें।

रोग और कीट:

  • अरबी कई रोगों और कीटों से प्रभावित हो सकती है।
  • कुछ सामान्य रोगों में पत्तों का धब्बा, जड़ सड़न और कंद सड़न शामिल हैं।
  • कुछ सामान्य कीटों में तना छेदक, पत्ती खाने वाली इल्ली और थ्रिप्स शामिल हैं।
  • रोगों और कीटों से बचाव के लिए उचित सावधानी बरतें।

कटाई:

  • अरबी की कटाई कंदों के पूरी तरह से विकसित होने के बाद की जाती है।
  • कंदों को हाथ से या मशीन से खोदा जा सकता है।
  • कंदों को सावधानी से धोकर और सुखाकर बाजार में भेजा जाता है।

उपज:

  • अरबी की उपज विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि किस्म, जलवायु, मिट्टी और प्रबंधन practices।
  • औसतन, 20-30 टन प्रति हेक्टेयर उपज प्राप्त की जा सकती है।

अरबी की खेती एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है। उचित तकनीकों और प्रबंधन practices का उपयोग करके, आप अच्छी पैदावार और लाभ प्राप्त कर सकते हैं।